गोलू कि कहानी: छोटा सा सपना(A Little Dream)

गोलू कि कहानी: छोटा सा सपना(A Little Dream)

बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में जानवरों का एक सुंदर गाँव था – नाम था हरियावन”। वहाँ हर प्राणी खुश था, हर दिन एक नए गीत, नए खेल और मस्ती से भरा होता था। लेकिन उसी जंगल में एक छोटा सा गिलहरी का बच्चा था – गोलू”

गोलू बाकी सब जानवरों से थोड़ा अलग था। वह न तो बहुत तेज़ दौड़ सकता था, न ही ज़्यादा ऊँचाई पर चढ़ पाता था। लेकिन उसकी सबसे बड़ी ताकत थी – उसका सपना। गोलू का सपना था – एक दिन वो जंगल का सबसे बुद्धिमान और साहसी प्राणी बनेगा।लेकिन हर कोई उसका मज़ाक उड़ाता था।

 

खरगोश कहते –

अरे गोलू, तू तो इतना छोटा है, तुझे तो पेड़ पर चढ़ना भी नहीं आता!”

तोते कहते –

बिना पंखों के भी कोई ऊँचाई छूता है?”

गोलू उदास हो जाता, लेकिन हर रात अपनी माँ की गोद में सिर रखकर कहता –
माँ, क्या मैं कभी बड़ा बन पाऊँगा?”

माँ मुस्कराकर कहती –

बेटा, सपना तभी सच होता है जब उस पर भरोसा किया जाए और मेहनत की जाए।”

एक सुबह की बात…

गोलू अकेला जंगल में घूम रहा था। अचानक उसे एक अजीब सी आवाज़ सुनाई दी – सँ…सँ…सँ…”
वो धीरे-धीरे उस आवाज़ की ओर गया, तो देखा – एक छोटा खरगोश एक झाड़ी में फंसा हुआ था। उसकी टाँग में कांटा चुभा था और वो रो रहा था।

गोलू घबराया, लेकिन फिर माँ की बात याद आई –
साहसी वही होता है जो डर के बावजूद मदद करता है।”

गोलू ने आस-पास देखा। न तो कोई बड़ा जानवर था और न ही कोई मदद करने वाला।
उसने अपने छोटे-छोटे पंजों से कांटे को धीरे-धीरे खींचा। खरगोश दर्द से चीख उठा – लेकिन गोलू डटा रहा।
आख़िरकार कांटा बाहर निकल गया।
खरगोश की आँखों में आँसू थे, लेकिन अब वो खुशी के आँसू थे।

तुमने मेरी जान बचाई गोलू!”
गोलू मुस्कराया, लेकिन कुछ बोला नहीं।

उसी दिन दोपहर में…

जंगल में एक बड़ा खतरा आया। एक शिकारी जंगल में घुस आया था। सभी जानवर डर के मारे इधर-उधर भाग रहे थे। लेकिन शिकारी की नजर एक तोते पर पड़ी और उसने पिंजरा लेकर उसे पकड़ने की कोशिश की।

तोता डर के मारे चिल्लाने लगा –
बचाओ! कोई है?”

गोलू वहीं पेड़ के नीचे था। उसने देखा, तोता फँसने वाला है। सब भाग रहे थे, लेकिन गोलू ने सोचने के बजाय दौड़ने का फैसला किया।

उसने जल्दी से पास की एक रस्सी खींची जो शिकारी के जाल से जुड़ी थी, और उसे खींचकर इतना उलझाया कि शिकारी का हाथ फँस गया।
तोता तुरंत उड़ गया।

अब तोता, खरगोश और कई जानवर गोलू की तारीफ करने लगे।

फिर आया जंगल का सभा दिवस…

हर साल “हरियावन” जंगल में एक सभा होती थी जिसमें जंगल का सबसे बहादुर प्राणी” चुना जाता था।

इस साल सबकी नजर गोलू पर थी। सभा में हाथी, शेर, तेंदुआ सब मौजूद थे।

जब नामों की घोषणा हुई, तो जंगल के राजा शेर ने कहा:

आज हम सबने देखा कि बहादुरी सिर्फ ताकत में नहीं होती, बल्कि उस दिल में होती है जो दूसरों की मदद करता है। आज का सबसे साहसी और बुद्धिमान प्राणी है — छोटा गिलहरी गोलू!”

गोलू की आँखों में चमक थी। वह मंच पर गया, और पहली बार बोला:

मैं छोटा हूँ, लेकिन मेरा सपना बड़ा था। अगर आप अपने सपनों पर यकीन करते हो और दूसरों की मदद करते हो, तो आप भी बड़े बन सकते हो।”

जंगल तालियों से गूंज उठा।

उस दिन से, गोलू बच्चों का आदर्श बन गया। बच्चे उसे “गोलू द गाइड” कहकर बुलाते थे।

 

इससे हमें क्या सीख मिलती है-

  1. हमारे सपने हमारे आकार से बड़े होते हैं।
  2. कभी किसी को छोटा मत समझो।
  3. साहस का मतलब डर को हराना है।
  4. बिना किसी उम्मीद के किसी की मदद करना सच्ची बहादुरी है।

 

शुभरात्रि संदेश (End Message)

बच्चों, जैसे गोलू ने हिम्मत नहीं हारी, वैसे ही आप भी अपने सपनों को सच करने की कोशिश करते रहो। कोई सपना छोटा नहीं होता।
अब आँखें बंद करो, और अपने दिल में एक बड़ा सपना संजो लो।

शुभरात्रि… मीठे सपने।”

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